भारतीय ग्रामीण महिलाओं की समस्याएं : बारां जिले के विशेष संदर्भ में

Author(s): सुरेश कुमार मेघवाल

Publication #: 2211003

Date of Publication: 17.11.2022

Country: India

Pages: 1-7

Published In: Volume 8 Issue 6 November-2022

Abstract

भारत में 74 प्रतिशत आबादी गांवों में निवास करती है और यह कहना गलत नहीं होगा कि कृषि पूरी तरह से महिलाओं पर आश्रित है। एक तिहाई से अधिक खेत मजदूर और आगे से अधिक किसानों में महिलाएं है राजस्थान (राज्य) की कुल जनसंख्या का 76.6 प्रयासमा वृद्धि एवं उससे कार्यों पर निर्भर करता है इसी राज्य का एक पागीण जिला है कुल जनसंख्या 12,22,755 है। पुरुष जनसंख्फ 6,330 5,510 है। संख्या 968501 साक्षरता दर प्रति जिसमे ग्रामीण महिला साक्षरता पर 47.75 प्रतिशत है। ग्रामीण पुरुष 70.36 कारण ग्राम क्षेत्रों की महिला अपने अधिकारी प्रतिमही सहारा की दर का कम होना ही ग्रामीण क्षेत्रों की सबसे बड़ी समस्या है। इसी समस्या से अनेक समस्याओं का जन्म होता है, जिले में ग्रामीण सीमान्त श्रमिकों की कुल जनसंख्या 1,77,501 है. जिसमे पुरूष सीमान्त श्रमिकों की संख्या 59.106 हैं और महिला सीमान्त श्रमिकों की संख्या 1,18,455 है महिला सीमान्त श्रमिकों की संख्या भी पुरूष सीमान्त श्रमिकों से अधिक है, ग्रामीण सीमान्त कृषि श्रमिकों की जनसंख्या 1,05,336 है पुरुष सीमान्त कृषि श्रमिक 33860 महिला सीमान्त कृषि श्रमिक 71,476 है। बिना काम (गैर काम करने वालों की जनसंख्या 500467 है जिसमें पुरुष 238081 महिलायें 262383 है कृषि क्षेत्र में भी देखा जाये तो ग्रामीण क्षेत्रों में पुरुषों की अपेक्षा महिलाएं ही अधिक काम करती नजर आती है। इतना श्रम करने के उपरांत भी उनकी अनेक समस्यायें है। गांवों में करीब 89.50 प्रतिशत महिलाएं कृषि और उससे जुड़े क्षेत्रों में कार्यरत है।1

कुछ इतिहासकारों का यह मानना है कि फसल उत्पादन की सबसे पहले खोज महिलाओं ने ही की थी। इसके बाद ही कृषि क्षेत्र में कला और विज्ञान का आगमन हुआ महिला जननी होती है, अन्नदाता होती है तो अपने परिवार कि क्षुधा शांत करने के लिए हमेशा तत्पर रहती है। महिलाओं के कारण ही ग्रामीण संस्कृति और पर्यावरण की सुरक्षा समय हो सकी है। गांवों में करीब 30 प्रतिशत परिवार पूरी तरह से महिलाओं पर निर्भर है। इन महिलाओं पर अपने परिवार की जिम्मेदारी है। खेतों में काम करना महिलाओं की मजबूरी है। करीब 90 प्रतिशत ग्रामीण महिलाएं अकुशल मजदूर है क्योंकि उनके सामने कुशलता हासिल करने के अवसर ही नहीं है, अगर अवसर मिलते भी है तो उनके पास इतना समय नहीं होता कि उन अवसरों का लाभ उठा सकें। इससे उनकी समस्या हल नहीं हो पाती है।

Keywords: ग्रामीण महिला रोजगार, सशक्तिकरण, विकास, सड़क, पेयजल, शिक्षा

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