मानव अधिकार संरक्षण में मीडिया की भूमिका : भारत के विशेष संदर्भ में एक विश्लेषणात्मक अध्ययन
Author(s): Mohammad Aarif
Publication #: 2211002
Date of Publication: 28.10.2022
Country: india
Pages: 29-32
Published In: Volume 8 Issue 5 October-2022
Abstract
वास्तव में मीडिया क्या है ? मीडिया शब्द मीडियेटर शब्द से बना है जिसका आशय दो लोगों केे बीच परस्पर संवाद बनाने का माध्यम है। मानव बुद्धिमान एवं विवेकपूर्ण प्राणी है और इसी कारण इसको कुछ ऐसे मूल तथा अहरणीय अधिकार प्राप्त होते है जिन्हें सामान्यतया ’’मानवाधिकार’’ कहा जाता है। अधिकार उन्मुक्ति होने के कारण इस बात को निर्दिष्ट करते है कि कोई भी कार्य व्यक्ति की इच्छा के विरूद्ध नहीं किया जा सकता या नहीं किया जाना चाहिए। इस अवधारणा के अनुसार मानव को अन्यायोचित और अपमानजनक व्यवहार से संरक्षित किया जाना चाहिए। वर्तमान में लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना जाने वाला मीडिया, मानवाधिकार संरक्षण में अपनी महत्ती भूमिका आवश्यक रूप से निभा सकता है। यह संचार का सरल एवं सक्षम साधन है। मीडिया का मुख्य कार्य है कि वह जितनी जल्दी हो सकेे सूचना को पूरे समाज में प्रसारित कर दे। इस आधार पर कहा जा सकता है कि मीडिया जितना अधिक सक्रिय होगा मानव अधिकारों का संरक्षण उतनी ही तेजी से होगा। दूसरी ओर यह भी कहा जा सकता है कि मीडिया के अधिकतम सक्रियता के चलते समाज में व्याप्त विसंगतियाँ और मानव अधिकार के हनन को द्रुत गति से रोका जा सकता हैं । मीडिया का काम सत्ता एवं समाज में मौजूद महामानवों पर नजर रखना, उनकी मनमानी पर अंकुश लगाने की कोशिश करना, उनके गलत कार्यों को जनता के सामने लाना है। प्रश्न यह है कि क्या मीडिया अपनी भूमिका निभा रहा है?
Keywords: मानवाधिकार, मीडीया, संरक्षण, उत्पीड़न, सकारात्मक, नकारात्मक, लोकतंत्र।
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