उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन की समस्या व रोकथाम हेतु प्रयास
Author(s): इन्द्र मोहन पन्त, प्रो. कैलाश चन्द्र
Publication #: 2205011
Date of Publication: 10.10.2022
Country: India
Pages: 46-49
Published In: Volume 8 Issue 5 October-2022
Abstract
उत्तराखण्ड की कुल आबादी में ग्रामीण आबादी 75 प्रतिशत हैं, वहीं पर्वतीय क्षत्रों में 90 प्रतिशत आबादी ग्रामीण है। कृषि, उद्यान एवं पशुपालन उत्तराखण्ड की अधिसंख्य आबादी की आजीविका का मुख्य आधार रहा है। उत्तराखण्ड राज्य गठन से पूर्व तत्कालीन उत्तर प्रदेश मंे भी यहाँ की कृषि को लाभकारी बनाने एवं पहाड़ों से हो रहे पलायन को रोकने की न तो कोई ठोस व कारगर नीति बन पाई और न ही कोई फलदायी कार्यक्रम लागू हो पाये। प्रदेश के कृषि विकास या किसानों के हितार्थ जो भी नीति या नियम-कानून बने, वह मैदानी क्षेत्रों के किसानों की समस्याओं और उनके हितों को ध्यान में रखकर ही बनाये गये। फलस्वरूप पहाड़ की कृषि व अन्य विकास लगातार स्थिर बना रहा अथवा मंथर गति से विकास के क्रम को दोहराता गया। परिणामस्वरूप इस भू-भाग की हालत दिन-प्रतिदिन बिगड़ती गई, जिससे ग्रामीण काश्तकार आबादी में गरीबी का प्रतिशत बढ़ता गया और गाँवों से पलायन निरन्तर जारी रहा।
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