contact@ijirct.org      

 

Publication Number

2505009

 

Page Numbers

1-6

Paper Details

फणीश्वर नाथ रेणु की कहानियों में लोकजीवन और सामाजिक चेतना

Authors

डॉ राकेश कुमार

Abstract

हिंदी कथा साहित्य में फणीश्वरनाथ रेणु का स्थान अत्यंत विशिष्ट और अद्वितीय है। उन्होंने न केवल कहानी की विधा को नवीन दृष्टिकोण दिया, बल्कि ग्रामीण भारत के उस जीवंत लोकजीवन को साहित्य में स्थान दिया, जो प्रायः उपेक्षित रहा करता था। रेणु की कहानियाँ ग्राम्य जनजीवन की जीवंत संवेदनाओं, बोलियों, रीति-रिवाजों, सामाजिक अंतर्द्वंद्वों और सांस्कृतिक परंपराओं का यथार्थ चित्र प्रस्तुत करती हैं। उनके लेखन में लोक-संस्कृति मात्र पृष्ठभूमि नहीं, अपितु वह कथा के केंद्रीय तत्व के रूप में उभरती है। यही विशेषता उन्हें अन्य समकालीन लेखकों से भिन्न बनाती है।
रेणु का कथा साहित्य महज़ मनोरंजन अथवा आभिजात्य बौद्धिक विमर्श का साधन नहीं, बल्कि समाज की जटिलताओं, विषमताओं और चेतनाओं को उकेरने का सशक्त माध्यम है। उन्होंने अपनी कहानियों के माध्यम से सामाजिक विसंगतियों, वर्गीय संघर्ष, जातिगत भेदभाव, राजनीतिक विकृति, और स्त्री प्रश्न जैसे विषयों को अत्यंत संवेदनशीलता और प्रामाणिकता के साथ प्रस्तुत किया है। उनकी भाषा में क्षेत्रीयता की मिठास है और शैली में लोककथात्मक प्रवाह। उनके पात्र साधारण ग्रामीण जन हैं, परंतु उनकी अनुभूतियाँ असाधारण मानवीय गहराई लिए होती हैं।
यह शोध पत्र “फणीश्वरनाथ रेणु की कहानियों में लोकजीवन और सामाजिक चेतना” विषय पर केंद्रित है। इसमें यह विश्लेषण किया गया है कि किस प्रकार रेणु की कहानियों में लोकजीवन अपनी सम्पूर्ण विविधता और सामाजिक सरोकारों के साथ उपस्थित होता है तथा किस प्रकार लेखक सामाजिक चेतना को कथा के तंतुओं में गूँथता है। शोध का उद्देश्य न केवल रेणु की कहानियों में निहित यथार्थ का उद्घाटन करना है, बल्कि यह भी स्पष्ट करना है कि उनका साहित्य किस प्रकार आज के समाज के लिए भी उतना ही प्रासंगिक और प्रेरक है।
वर्तमान शोध कार्य में रेणु की प्रतिनिधि कहानियों का गहन अध्ययन कर उनके कथा-संसार में लोकजीवन और सामाजिक विमर्श की उपस्थिति को प्रमाणिक स्रोतों और आलोचनात्मक दृष्टिकोण के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है। यह प्रयास शोधार्थियों, साहित्यप्रेमियों एवं हिंदी कथा-साहित्य के अध्येताओं के लिए उपयोगी सिद्ध होगा, ऐसा विश्वास है।

Keywords

-

 

. . .

Citation

फणीश्वर नाथ रेणु की कहानियों में लोकजीवन और सामाजिक चेतना. डॉ राकेश कुमार. 2016. IJIRCT, Volume 2, Issue 5. Pages 1-6. https://www.ijirct.org/viewPaper.php?paperId=2505009

Download/View Paper

 

Download/View Count

2

 

Share This Article