ग्रामीण महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण मे डेयरी उद्योग की भूमिका
Author(s): कांता कुमारी मीना, डॉ. कपिल मीना
Publication #: 2503012
Date of Publication: 03.03.2025
Country: India
Pages: 1-9
Published In: Volume 11 Issue 2 March-2025
DOI: https://doi.org/10.5281/zenodo.14959685
Abstract
यह शोध डेयरी उद्योग के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण का विश्लेषण करता है। डेयरी सहकारी समितियाँ (WDCS) और महिला स्वयं सहायता समूह (SHGs) महिलाओं की आय, आत्मनिर्भरता, और सामाजिक गतिशीलता में सुधार कर रही हैं। डेयरी उद्योग से जुड़ने पर महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता और आत्मविश्वास में वृद्धि हुई है, जिससे वे अपने निर्णयों में अधिक भागीदारी कर रही हैं। हालाँकि, महिलाओं को शिक्षा की कमी, सामाजिक बाधाओं, और वित्तीय संसाधनों तक सीमित पहुँच जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इस शोध में सुझाव दिया गया है कि महिलाओं को प्रशिक्षण कार्यक्रमों और वित्तीय सहायता योजनाओं से जोड़ा जाए। इस प्रकार, डेयरी उद्योग ने ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण का प्रभावी माध्यम प्रदान किया है।
Keywords: डेयरी उद्योग, ग्रामीण महिलाओं का सशक्तिकरण, महिला स्वयं सहायता समूह , आर्थिक स्वतंत्रता , सामाजिक गतिशीलता
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