वर्तमान में सक्षम नारी सशक्तिकरण व विकसित भारत में भूमिका

Author(s): डॉ. रेखा पाण्डेय

Publication #: 2502076

Date of Publication: 09.03.2020

Country: India

Pages: 1-6

Published In: Volume 6 Issue 2 March-2020

Abstract

भारत वर्ष 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने की महत्वकांक्षा रखता है। इस प्रकार की चुनौती को पूरा करने में महिलाओं को सशक्तिकरण करना ही केन्द्रीय भूमिका होगी। वर्तमान में महिला सशक्तिकरण और सामाजिक आर्थिक विकास को साथ-साथ आगे बढ़ाना है, क्योंकि अकेले विकास से लैंगिक असामनताओं को दूर नहीं किया जा सकता है। अमत्य सेन ने वैश्विक स्तर पर विद्यमान लैगिंक असमानताओं को उजागर करने के लिए ’’मिसिंग वीमन’’ शब्द जोड़ा था। चूंकि भारतीय महिलाएं अपने हितों को लेकर (वेल-बींइग) आज भी कई मापदण्डों पर पिछड़ी हुई है। सामाजिक न्याय प्राप्त करने के लिए महिला सशक्तिकरण की आवश्यकता है। महिलाओं को अवसर उनके लिंग भेदभाव के कारण हिंसा और अन्य प्रकार से उत्पीड़न का शिकार होना पड़ता है। महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए सभी न्यायपूर्ण और समान समाज बनाने में मदद मिलती है। महिला सशक्तिकरण सामाजिक-आर्थिक राजनैतिक और कानूनी मुद्दों पर संवेदना और सरोकार व्यक्त करता है। सशक्तिकरण की प्रक्रिया में समाज को पारम्परिक पितृसत्तात्मक दृटिकोण के प्रति जागरूक किया जाता है। जिसने महिलाओं की स्थिति को सदैव कमत्तर माना है।

Keywords: महिला सशक्तिकरण, समता, असमता, समक्ष, विकसित, समाज, अधिकार, स्वतंत्रत न्याय आदि।

Download/View Paper's PDF

Download/View Count: 98

Share this Article