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Publication Number

2501003

 

Page Numbers

1-6

Paper Details

राजस्थान की रियासतों में राजनीतिक और सामाजिक परिवर्तन (1857-1947)

Authors

Gayatri Meena

Abstract

राजस्थान, जिसे 'राजाओं की भूमि' के रूप में जाना जाता है, प्राचीनकाल से ही स्वतंत्र रियासतों का संगठित क्षेत्र रहा है। यह क्षेत्र अपनी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर, वीरता की परंपरा, और अनूठी सामाजिक संरचनाओं के लिए प्रसिद्ध है। 19वीं शताब्दी के मध्य से 20वीं शताब्दी के मध्य तक, राजस्थान की राजनीतिक और सामाजिक व्यवस्था में व्यापक बदलाव आए, जो इतिहास के एक महत्वपूर्ण मोड़ का प्रतिनिधित्व करते हैं। इन परिवर्तनों का मुख्य कारण भारत पर ब्रिटिश साम्राज्य का प्रभाव और उससे उत्पन्न नई राजनीतिक व सामाजिक चुनौतियाँ थीं।
1857 का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम, जिसे भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना माना जाता है, ने राजस्थान की राजनीतिक और सामाजिक संरचना को गहराई से प्रभावित किया। विद्रोह ने क्षेत्रीय रियासतों के शासकों और जनता के बीच संबंधों में बदलाव लाए और ब्रिटिश साम्राज्यवाद की नीतियों को चुनौती दी। इस विद्रोह के बाद, ब्रिटिश शासन ने राजस्थान की रियासतों पर अपनी पकड़ मजबूत की, जिससे परंपरागत सामंती व्यवस्था को चुनौती मिली और नई प्रशासनिक व राजस्व प्रणालियों का उदय हुआ।
सामाजिक स्तर पर, इस समयावधि में शिक्षा, महिला सशक्तिकरण, और जातिगत भेदभाव के उन्मूलन जैसे विषयों पर ध्यान केंद्रित किया गया। सामाजिक सुधार आंदोलनों और स्वतंत्रता संग्राम ने राजस्थान के लोगों को आधुनिकता और प्रगतिशील विचारों की ओर प्रेरित किया। ब्रिटिश साम्राज्यवाद ने जहां एक ओर पारंपरिक व्यवस्थाओं को बाधित किया, वहीं दूसरी ओर इसने आधुनिक शिक्षा और संचार साधनों के प्रसार के माध्यम से एक नई सामाजिक चेतना को भी जन्म दिया।
इस शोध पत्र में 1857 से 1947 तक राजस्थान की राजनीतिक और सामाजिक यात्रा का विश्लेषण प्रस्तुत किया गया है। यह अध्ययन न केवल ऐतिहासिक घटनाओं को समझने का प्रयास करता है, बल्कि यह भी बताता है कि कैसे इन घटनाओं ने राजस्थान को आधुनिक भारत के निर्माण की प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया। इस कालखंड की प्रमुख घटनाएँ, जैसे 1857 का विद्रोह, ब्रिटिश शासन का विस्तार, प्रजामंडल आंदोलन, और स्वतंत्रता संग्राम में राजस्थान की भूमिका, इस शोध का केंद्रीय विषय हैं। साथ ही, यह अध्ययन सामाजिक सुधार आंदोलनों, महिला सशक्तिकरण, और जातीय व्यवस्था में हुए बदलावों पर भी प्रकाश डालता है, जो राजस्थान के समाज में स्थायी परिवर्तन लाने के प्रमुख कारक बने।
यह शोध पत्र राजस्थान की ऐतिहासिक यात्रा को समझने और इसके सामाजिक-राजनीतिक विकास के गहन अध्ययन के लिए एक महत्वपूर्ण आधार प्रदान करता है।

Keywords

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Citation

राजस्थान की रियासतों में राजनीतिक और सामाजिक परिवर्तन (1857-1947). Gayatri Meena. 2024. IJIRCT, Volume 10, Issue 6. Pages 1-6. https://www.ijirct.org/viewPaper.php?paperId=2501003

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