भारत में महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी

Author(s): डॉ. सी. अनुपा तिर्की

Publication #: 2412063

Date of Publication: 04.11.2023

Country: India

Pages: 1-3

Published In: Volume 9 Issue 6 November-2023

DOI: https://doi.org/10.5281/zenodo.14435333

Abstract

औपचारिक राजनीतिक संस्थाओं में महिलाओं की भागीदारी ’महिलाओं कि वर्तमान शक्ति एवं स्तिथि की शर्त ही नहीं बल्कि सूचक भी है, तथा महिलाओं के अधिकारों एवं विकास को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक भी है। महिलाओं के लिए निर्वाचन या राजनीतिक दलों, सामाजिक आन्दलोनो या प्रदर्शनो जैसे ओपचारिक राजनीतिक कार्यकलापों में भाग लेना पर्याप्त नहीं है। 1947 में स्वतंत्रता प्राप्ति तथा देश के विभाजन के साथ हुए खून खराबे तथा एक बड़ी जनसंख्या के विस्थापन के बाद 1950 तथा 1960 के दशक में धर्म निरपेक्ष, बहुलवादी, बहुधार्मिक तथा सांस्कृतिक रूप से समन्वित राजनीतिकव्यवस्था को बढ़ावा दिया गया। इस वातावरण तथा संवैधानिक गारंटी से कुछ महिलाएं लाभान्वित हुई। मध्यम वर्ग की बहुत सी महिलाओं को विभिन्न सेवाओं एवं शैक्षणिक क्षेत्रों में प्रवेश प्राप्त करने के अवसर मिले।

Keywords: आरक्षण, संसद, महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी विधान मंडल, पंचायत में महिलाओं का प्रतिनिधित्व, कानून, अधिकार।

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