डॉ. बी.आर. अम्बेडकर और सामाजिक क्रान्तिः एक ऐतिहासिक अवलोकन
Author(s): कौशल सिंह भाटी
Publication #: 2412043
Date of Publication: 13.10.2024
Country: india
Pages: 1-7
Published In: Volume 10 Issue 5 October-2024
Abstract
भीमराव आंबेडकर भारतीय समाज के बहुआयामी व्यक्तित्व और विचारधारा का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने न केवल वंचित और पिछड़े वर्गों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया, बल्कि भारतीय समाज के समग्र विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आंबेडकर को प्रायः संविधान निर्माता और कमजोर वर्गों के मुखर समर्थक के रूप में जाना जाता है, लेकिन उनकी भूमिका इससे कहीं अधिक व्यापक और बहुआयामी थी। आंबेडकर एक दूरदर्शी अर्थशास्त्री थे जिन्होंने भारत के औद्योगिक विकास और आर्थिक नीतियों के लिए ठोस आधार प्रदान किया। वे किसानों और मजदूरों के अधिकारों के संरक्षक के रूप में उभरे, जो उनके समतावादी दृष्टिकोण को प्रकट करता है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए अद्वितीय योगदान दिया, जिससे समाज में लैंगिक समानता की दिशा में क्रांतिकारी परिवर्तन हुए। उनकी सोच केवल सामाजिक और आर्थिक सुधारों तक सीमित नहीं थी। वे एक कुशल रणनीतिकार थे जिन्होंने भारत की अखंडता और सुरक्षा के लिए विदेश नीति और सामरिक दृष्टिकोण को भी मजबूती प्रदान की। उनके प्रयास विकासोन्मुखी दृष्टिकोण के प्रतीक थे, जिनमें भारत को एक आत्मनिर्भर और प्रगतिशील राष्ट्र के रूप में स्थापित करने की आकांक्षा थी।
आंबेडकर के जीवन और योगदान के ये विभिन्न आयाम उन्हें एक ऐसे प्रेरणास्रोत के रूप में प्रस्तुत करते हैं, जिन्होंने न केवल भारत बल्कि विश्व के समाजशास्त्रीय और राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावित किया। इस प्रकार, उनकी सोच और कार्यों का अध्ययन और पुनर्मूल्यांकन आज भी प्रासंगिक है और सामाजिक विकास के नए मार्ग प्रशस्त करता है।
Keywords: भीमराव आंबेडकर , विकासोन्मुखी, भारतीय समाज, समानता, आर्थिक नीति।
Download/View Count: 209
Share this Article