झारखंड के सांस्कृतिक त्योहारों में परिवर्तन: 1900-2020 के बीच परंपरा और आधुनिकीकरण का तुलनात्मक अध्ययन
Author(s): सौम्या राज, डॉ सुषमा गारी
Publication #: 2409018
Date of Publication: 18.09.2024
Country: India
Pages: 1-15
Published In: Volume 10 Issue 5 September-2024
Abstract
यह समीक्षा-पत्र झारखंड के सांस्कृतिक त्योहारों के विकास और उनके सामाजिक-सांस्कृतिक महत्व का विश्लेषण करता है, विशेष रूप से 1900 से 2020 तक की अवधि में। स्वतंत्रता-पूर्व काल में सरहुल, कर्मा, सोहराई और टुसु परब जैसे त्योहारों ने आदिवासी समुदायों की पहचान और सांस्कृतिक लचीलेपन को प्रदर्शित किया। वे औपनिवेशिक शोषण के खिलाफ प्रतिरोध के प्रतीक थे और सामुदायिक एकता को मजबूत करते थे। स्वतंत्रता के बाद, आधुनिकीकरण, शहरीकरण और वैश्वीकरण के प्रभावों ने इन त्योहारों के स्वरूप और प्रथाओं को बदल दिया। सरकारी समर्थन और संस्थागत पहलों ने इनके संरक्षण और प्रचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह अध्ययन स्वतंत्रता-पूर्व और स्वतंत्रता-पश्चात काल की तुलना करके इन त्योहारों के अनुकूलनशीलता और निरंतरता को रेखांकित करता है। निष्कर्षतः, झारखंड के सांस्कृतिक उत्सवों ने सामाजिक परिवर्तन के बावजूद सांस्कृतिक पहचान को संरक्षित और सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
Keywords: सांस्कृतिक पहचान, झारखंड त्यौहार, ऐतिहासिक परिवर्तन, स्वतंत्रता के बाद, अनुकूलन
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