जैव विविधता एवं वनस्पति पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव का एक भौगोलिक अवलोकन
Author(s): डॉ. अनामिका मोदी
Publication #: 2408040
Date of Publication: 10.08.2024
Country: India
Pages: 1-4
Published In: Volume 10 Issue 4 August-2024
Abstract
जलवायु परिवर्तन एक गंभीर समस्या बन गई है जिसका मुख्य कारण ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में वृद्धि है। यह गैसें पृथ्वी और महासागरों को गर्म कर रही हैं, जिसके परिणामस्वरूप समुद्र का स्तर बढ़ रहा है, तूफानों के पैटर्न बदल रहे हैं, और अधिक चरम मौसम की घटनाएँ हो रही हैं। अगर जलवायु परिवर्तन को समय रहते नहीं रोका गया तो लाखों लोग बाढ़, सूखा और अन्य आपदाओं का सामना करेंगे। इसका असर किसी एक क्षेत्र तक सीमित नहीं रहेगा बल्कि पूरी दुनिया पर पड़ेगा।
जलवायु पर्यावरण को नियंत्रित करने वाला एक प्रमुख कारक है, जो प्राकृतिक वनस्पति, मिट्टी, जलराशि और जीव-जंतुओं को प्रभावित करता है। यह मानव की मानसिक और शारीरिक क्रियाओं पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है। जलवायु उन तत्वों में सबसे अधिक प्रभावशाली है जो पर्यावरण के अन्य कारकों को नियंत्रित करते हैं। जलवायु परिवर्तन को समझने के लिए पहले यह समझना आवश्यक है कि जलवायु क्या होती है। सामान्य रूप से, जलवायु का अर्थ किसी दिए गए क्षेत्र में लंबे समय तक बने रहने वाले औसत मौसम से होता है।
Keywords: जलवायु, परिवर्तनशीलता, ग्लोबल वार्मिंग, ओजोन परत क्षरण, पारिस्थितिकी-तंत्र, जैव विविधता।
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