आधुनिक समाज में संचार का महत्व
Author(s): डॉ. अंजना वर्मा
Publication #: 2407007
Date of Publication: 03.07.2020
Country: India
Pages: 1-5
Published In: Volume 6 Issue 4 July-2020
Abstract
प्रस्तावना - मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है और संचार करना उसकी प्रकृति है। अपने भावों व विचारों का अदान-प्रदान करना उसकी जन्मजात प्रकृति 5 है। ऐसा माना जा सकता है कि मानव के अस्तित्व में आने के साथ ही संचार की आवश्यकता का अनुभव हो गया होगा। जोकि मनुष्य की मूलभूत आवश्यकता हो गया। संचार किसी भी समाज के लिए अति आवश्यक है। जो स्थान शरीर के लिये भोजन का है, वही समाज व्यवस्था में संचार का है। मानव का शारीरिक एवं मानसिक विकास पूरी तरह से संचार - प्रक्रिया से जुड़ा रहता है। जन्म से मृत्यु तक मनुष्य एक दूसरे से बातचीत के माध्यम से सम्बद्ध रहता है, एक दूसरे को जनता है, समझता है तथा परिपक्व होता है। संचार को मानव सम्बन्धों की नींव कहा जा सकता है। समाज वैज्ञानिकों का मानना है कि किसी भी परिवार, समूह, समुदाय तथा समाज में यदि मनुष्यों 7 के बीच परस्पर वार्तालाप बन्द हो जाये तो सामाजिक विघटन की प्रक्रिया आरम्भ हो जायेगी एवं मानसिक विकृतियाँ जन्म लेने लगेंगी।
Keywords: मुख्य शब्द : संचार, अभिप्रेरणा, समन्वय, निर्णयन, प्रभावशीलता, ई-मेल
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