भारत में सुशासन की अवधारणा एवं वर्तमान में चुनौतियां एवं उपलब्धियां

Author(s): Jyoti Saxena

Publication #: 2311001

Date of Publication: 11.10.2023

Country: India

Pages: 1-6

Published In: Volume 9 Issue 5 October-2023

Abstract

सुशासन तभी संभव है जब राष्ट्र, सरकार, समाज, संस्था व संविधान के प्रति हम सभी ईमानदार हो। सुशासन के लिए प्रशासन को चाक-चौबंद, त्वरित कार्य, मानवीय दृष्टिकोण तथा संवेदनशील होना चाहिए। सुशासन स्थापित करने के लिए यह आवश्यक है कि शासन-प्रशासन द्वारा सुशासन के मूलभूत सिद्धांतों को अपनाया जाये यथा निष्पक्ष चुनाव व्यवस्था, जवाबदेही, पारदर्शिता एवं खुलापन, सत्ता का विकेंद्रीकरण तथा जनता का प्रतिनिधित्व, सुद्रढ़ वित्तीय प्रबंधन, विधि का शासन, मानवाधिकार संरक्षण, परिवर्तन की स्वीकारोक्ति आदि। ये सभी कार्य प्रशासन द्वारा ईमानदारी से किये जाते है तो जनता में खुशहाली, मानसिक शांति व विश्वास की स्थापना होगी और एक सुरक्षा का भावनाजागृत होगी। अगर हम सुशासन की इन विशेषताओं को संक्षेप में व्यक्त करें तो कहेंगे कि सुद्रढ़ कानून व्यवस्था, बेहतर बुनियादी सुविधाएं और सेवाएं, कारोबार और रोजगार के अच्छे अवसर, कथनी और करनी में समानता, नागरिक सुरक्षा एवं संरक्षा आदि ही सुशासन है।

Keywords: जवाबदेही, पारदर्शिता, खुलापन, सत्ता का विकेंद्रीकरण, जनता का प्रतिनिधित्व, सुद्रढ़ वित्तीय प्रबंधन, नैतिकता, विधि का शासन, सामाजिक समावेशन, मानवाधिकार संरक्षण, जी.जी.आई., डब्लू.जी.आई., नियंत्रण की गुणवत्ता

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