राजस्थान में जलवायु परिवर्तन और उसका थार के मरुस्थल पर प्रभाव एक अध्ययन

Author(s): Hamant Kumar

Publication #: 2308023

Date of Publication: 18.08.2023

Country: India

Pages: 1-5

Published In: Volume 9 Issue 4 August-2023

Abstract

राजस्थान राज्य के 1.75 करोड हैक्टेयर क्षेत्र में थार मरूस्थल का विस्तार पाया जाता है। सीमित प्राकृतिक संसाधनों से युक्त इस मरूस्थल की गणना विश्व के सबसे अधिक आबाद मरूस्थल के रूप में की जाती है। यहॉ जैव जगत और पर्यावरण के बीच सामंजस्य अपने आप में विशिष्ट है। उष्ण एवं शुष्क जलवायु प्रधान होने के बावजूद जैव विविधता की दृष्टि से अन्य मरूस्थलों की तुलना में सबसे सम्पन्न है। किन्तु पिछले कुछ वर्षांे से यहॉ वैश्विक एवं स्थानीय कारणों से जलवायु में परिवर्तन देखने को मिल रहे है, इनमें से अधिकांश कारण मानवजनित हैं। जलवायु प्रारूप में होने वाले परिवर्तनों का जैव विविधता पर प्रभाव हो रहा है। स्थानिक प्रजातियॉ सिमटती जा रही है और जैव विविधता में बदलाव हो रहे है, जो एक चिंता का विषय है। जलवायु परिवर्तन पर अंतर सरकारी पैनल की रिपोर्ट-2007 में पश्चिमी भारत में वैश्विक घटकों और जलवायु परिवर्तनों के प्रभाव का दावा किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक अर्द्व -शुष्क एवं उप-आर्द्र क्षेत्रों की तुलना में शुष्क क्षेत्रों में जलवायु परिवर्तन प्रारूप अधिक देखने को मिला है। पिछले डेढ़ दशक से थार मरूस्थल में तापमान में वृद्वि, वर्षा की मात्रा में अत्यधिक परिवर्तनशीलता, नमी की मात्रा में वृद्धि और वायु पैटर्न में तेजी से बदलाव हुए है। ये बदलाव ग्लोबल वार्मिंग, खनन गतिविधियों में वृद्धि, नहरी सिंचाई में विस्तार, औद्योगिकीकरण, भूमि उपयोग प्रारूप में परिवर्तन, परमाणु विस्फोट आदि कारणों से यहॉ देखने को मिल रहे है, जिसका प्रभाव घास आधारित मरूद्भिद पारिस्थितिकी तंत्र पर हुआ है। जैव विविधता की दृष्टि से थार मरूस्थल माइक्रो हॉट स्पॉट है, इसलिए इसे जीव मरू प्रदेश भी कहते है। विश्व की 6.4 प्रतिशत वानस्पतिक प्रजाति इसी मरूस्थल में पाई जाती है।

Keywords: जैव विविधता, जलवायु परिवर्तन, थार मरूस्थल, जीन डोनर प्रजाति क्षेत्र, मरूद्भिद पारिस्थितिकी तंत्र।

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