महात्मा गाँधी के चिन्तन को प्रभावित करने वाले तत्व

Author(s): मेहराब खां

Publication #: 2306008

Date of Publication: 14.01.2019

Country: India

Pages: 1-2

Published In: Volume 5 Issue 1 January-2019

Abstract

महात्मा गाँधी शुद्ध राजनीतिक विचारक न होकर व्यावहारिक पुरूष थे। वे वर्तमान भारत के राष्ट्र निर्माता थे। भारतवासी उन्हें राष्ट्रपिता अथवा बापू के नाम से याद करते है। उनके ऊँचे चरित्र और धार्मिक रूझान को देखकर कवि रवीन्द्र नाथ टैगोर ने उन्हें महात्मा के नाम से संबोधित किया और अब भी वे महात्मा गाँधी के नाम से लाकप्रिय हैं। राजनीति को उन्होंने विषाल धार्मिक और नैतिक लक्ष्य की सिद्धि के लिए अपनाया। अपनी आत्म कथा सत्य के प्रयोग में उन्होने अपने जीवन के अनुभवों को निष्छल रूप से व्यक्त किया। उनके विचार अनेक पुस्तकों, लेखों और प्रवचनों आदि के रूप में बिखरे हुए हैं। उन्होंने किसी नये वाद का सूत्रपात नहीं किया और स्वयं भी यह स्वीकार किया कि गाँधीवाद नाम की किसी वस्तु का कोई अस्तित्व नहीं है। सत्य और अंहिसा के आदर्ष उनकी विचारधारा के मूलमंत्र थे। उन्होंने आधुनिक चिन्तन पर पर्याप्त प्रभाव डाला।

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