पुरानी पेंशन योजना - समय की मांग
Author(s): डॉ. लक्ष्मीनारायण नागौरी
Publication #: 2305024
Date of Publication: 27.05.2023
Country: India
Pages: 1-4
Published In: Volume 9 Issue 3 May-2023
Abstract
जब सेवारत कार्मिक सेवानिवृत सेवामुक्त (डिस्चार्ज) त्यागपत्र देता है अथवा उसकी मृत्यु हो जाती है तो नियमों में वर्णित प्रावधानों के अनुरुप उसे पेंषन अथवा पारिवारिक पेंषन प्राप्त होेती है।1
पेंषन क्या है और उसका प्रारम्भ कब व कैसे हुआ यह कोई ठोस तिथि अथवा प्रमाण के आधार पर सिद्ध नहीं किया जा सकता अतिप्राचीन मध्यकाल एवं वर्तमान समय में भी कार्मिकों को राज्य अथवा नियोक्ता द्वारा सेवानिवृत के पष्चात पेंषन का लाभ दिया जाता रहा है।
भारत, जर्मनी, ब्रिटेन जैसे देषों में पुराने समय में भी पेंषन के प्रावधान प्राप्त होेते है।
आधुनिक भारत में श्रायल कमीषन ऑन सिविल एस्टेबलिसमेंट ने 1881 में पहली बार सरकारी कार्मिकों को पेंषन का लाभ प्रदान किया था।श् बाद में भारत सरकार अधिनियम 1919 एवं 1935 में भी प्रावधान किये गये थे। आगे चलकर कामकाजी आबादी जो कि सार्वजनिक क्षेत्र में कार्यरत रही हो तक इसका विस्तार किया गया।
1989 में बिस्मार्क ने जर्मनी में वृद्धावस्था में वितीय सुरक्षा के उद्देष्य से 70 वर्ष की आयु में लोगों की पेंषन का प्रावधान किया कतिपय क्षेत्रों में इसे राज्य द्वारा पेंषन प्रारम्भ माना गया है।
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