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Publication Number

2305008

 

Page Numbers

1-7

Paper Details

भारतीय महिलाओं के समक्ष चुनौतियां एवं अवसर : एक समीक्षात्मक अध्ययन

Authors

Ms. Sanju Kumari

Abstract

महिलाओं का सशक्तीकरण 21वीं सदी की सबसे महत्वपूर्ण चिंताओं में से एक बन गया है, लेकिन व्यावहारिक रूप से महिला सशक्तिकरण अभी भी वास्तविकता के धरातल से दूर है। हम अपने दिन-प्रतिदिन के जीवन में देखते हैं कि कैसे महिलाएं विभिन्न सामाजिक बुराइयों का शिकार हो जाती हैं। महिला सशक्तिकरण महिलाओं के पास संसाधनों की क्षमता बढ़ाने और रणनीतिक जीवन विकल्प बनाने के लिए महत्वपूर्ण साधन है। महिलाओं का सशक्तीकरण मूलतः महिलाओं की आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक स्थिति के उत्थान की प्रक्रिया है।
वैश्विक स्तर पर नारीवादी आन्दोलनों ने भारतीय महिलाओं में भी जागृति पैदा की है। विचारधरात्मक स्तर पर जहाँ नारीवादी आन्दोलन उत्कट, उदारवादी एवं समाजवादी श्रेणी में विभक्त है, वही ंनारीवाद का भारतीय परिप्रेक्ष्य भी दृष्टिगोचर होता है जिसमें हम देखते हैं कि नारी प्राकृतिक विषमता को स्वीकार कर पुरुष से कृत्रिम विषमता के अन्त की मांग करती है। वह न तो उग्रवादियों की तरह परम्परा और संास्कृतिक विरासत को समाप्त करना चाहती है और न ही समाजवादियों की तरह श्रेणियों में वर्गीकृत समाज स्थापित करना चाहती है बल्कि नारी स्वयं के बुद्धि, विवेक, कुशलता एवं क्षमता का प्रदर्शन कर समाज में समता मूल कवि का सहभागी बनना चाहती है। यद्यपि भारतीय संविधान में प्रारम्भ से ही राजनीतिक आर्थिक एवं सामाजिक स्तर पर नारियों से भेद रहित उपबन्ध किये गये हैं किन्तु उन्हें यथार्थ के धरातल पर स्थापित कर वास्तव में 50 प्रतिशत आबादी को न्याय दिलाने का लक्ष्य अभी अधूरा है।

Keywords

महिला सशक्तिकरण, विमेंस लिबरेशन, एक्वेरियन युग, सामंतवादी मनोवृत्ति, पितृ सत्तात्मकता

 

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Citation

भारतीय महिलाओं के समक्ष चुनौतियां एवं अवसर : एक समीक्षात्मक अध्ययन. Ms. Sanju Kumari. 2023. IJIRCT, Volume 9, Issue 3. Pages 1-7. https://www.ijirct.org/viewPaper.php?paperId=2305008

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