जयपुर जिले के सामाजिक-आर्थिक विकास में मनरेगा की भूमिका

Author(s): राकेश कुमार सामोता

Publication #: 2302011

Date of Publication: 02.04.2023

Country: India

Pages: 1-3

Published In: Volume 9 Issue 2 April-2023

Abstract

किसी भी क्षेत्र का सामाजिक आर्थिक विकास उस क्षेत्र के मानव संसाधन पर निर्भर करता है। इसके उचित उपयोग के लिए अनेक योजनाएँ आईं जिसमें सबसे मुख्य राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (नरेगा) 2005 को अधिसूचित हुए 12 वर्ष हो गये जबसे यह अधिनियम लागू हुआ, देश के निर्धनतम जिलों में लाखों लोगों के जीवन पर इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।यह 100 दिनों के रोजगार की गारंटी देने वाला कानून है जो गरीब ग्रामीण परिवारों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने हेतु केन्द्र सरकार को कानूनी तौर पर बाध्य करता है।

नरेगा 2 फरवरी, 2006 को 200 जिलों में लागू किया गया। योजना का प्रारम्भ आन्ध्र प्रदेश के अनन्तपुर जिले से हुआ। जिसे 2007-08 में 300 अतिरिक्त जिलों में लागू किया गया इसी द्वितीय चरण में जयपुर जिले को शामिल किया गया।

इससे ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की क्रय शक्ति बढ़ी है, जिससे ग्रामीण इलाकों में विभिन्न उत्पादों की खपत को बढ़ावा मिला है। मनरेगा के अन्तर्गत भूमि सुधार पर जोर दिया गया है जिसके अन्तर्गत् वृक्षारोपण तथा वन संरक्षण परियोजनाओं को भी शामिल किया गया है जिससे पर्यावरण सन्तुलन में मदद मिलेगी ग्रामीण तबके के लोगों का जीवन स्तर ऊपर उठाने में मदद मिल रही है और सतत् विकास की ओर बढ़ता प्रतीत हो रहा है।

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