Paper Details
वर्तमान शैक्षिक परिदृश्य: राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 अध्ययन
Authors
Devender Kumar Salwan
Abstract
षिक्षा स्थल ही वो केन्द्र बिन्दु है, जहॉ से राष्ट् का निर्माण और विनाष दोनों ही सम्भव हो सकते है। आजादी के बाद से ही षिक्षा को ही हर बार परिवर्तन का माध्यम माना जाने लगा है। षिक्षा में हर बार नये प्रयोग कर विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने का प्रयास किया जाता रहा है। जितने प्रयोग इस क्षेत्र में होते है, उतने शायद ही किसी अन्य क्षेत्र मे होते होगें। प्राथमिक षिक्षा से लेकर उच्च षिक्षा पर अनेक परिवर्तन समय-समय पर किये जाते रहे है, लेकिन फिर भी यह लगता रहा है हर बार कुछ न कुछ छूट रहा है। नयी राष्ट्रीय षिक्षा नीति 2020 में इस अभाव को पूरा करने का प्रयास किया गया है। 29 जुलाई 2020 को प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेन्द्र मोदी जी की अध्यक्षता में कैबिनेट द्वारा भारत की ‘नई राष्ट्रीय षिक्षा नीति-2020’ को मंजूरी दी गयी है। ‘राष्ट्ीय षिक्षा नीति-2020’ स्वतंत्र भारत की तीसरी व 21वीं सदी की पहली ‘षिक्षा नीति’ है।
स्वतंत्रता के पष्चात् भारत की ‘प्रथम षिक्षा नीति-1968’ में लागू की गयी जो कि षिक्षाविद डॉ.डी.एस.कोठारी की अध्यक्षता में गठित आयोग की अनुसंधाओं के आधार पर आधारित थी। वर्ष 1985 में ‘षिक्षा की चुनौतियॉं’ दस्तावेज की अनुषंसाओंके आधार पर 1986 में भारत सरकार ने दूसरी‘नई षिक्षा नीति-1986’ लागू की, जिसमें सम्पूर्ण देष के लिए‘एक समान शैक्षणिक फ्रेमवर्क’को अपनाया गया था।
राष्ट्रीय षिक्षा नीति 2020 के निर्माण की पृष्ठ भूमि, उद्देष्य, प्रमुख बिन्दु, लागू करने के तरीके भविष्य में होने वाले परिणामों इत्यादि पर वैचारिक विष्लेषण- इस शोध पत्र में किया गया है। भारत प्राचीन काल से ही विष्व गुरु रहा है। अपने उच्च स्तरीय षिक्षा जैसे नालंदा, तक्षषिला आदि के बल पर इसकी तूती पूरे विष्व में बोलती थी। देष विदेष के विधार्थी यहॉ षिक्षा को ग्रहण करने आते थे।
Keywords
राष्ट्रीय षिक्षा नीति 2020, समावेषी षिक्षा, जी.ई.आर., प्रमुख सिद्धांत, राष्ट्रीय शैक्षिक टेक्नोलॉजी फोरम, वोकेषनल कोर्स
Citation
वर्तमान शैक्षिक परिदृश्य: राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 अध्ययन. Devender Kumar Salwan. 2023. IJIRCT, Volume 9, Issue 2. Pages 1-5. https://www.ijirct.org/viewPaper.php?paperId=2302003